महिला स्वरोज़गार
10:00 to 17:00 - January 29, 2024

एक दिवसीय महिला स्वरोज़गार कार्यक्रम का आयोजन ।
स्वरोज़गार व उद्यमिता विकास आज के समय की मांग- डा. संजय कुमार।

दिनांक 29.01.2024 को उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद् के क्षेत्रीय केन्द्र पटवाडांगर (नैनीताल) में एक दिवसीय महिला स्वरोज़गार कार्यक्रम का कार्यक्रम आयोजन किया गया। सभी किसान व काश्तकार महिलाओं, प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए परिषद् के निदेशक प्रो. (डा.) संजय कुमार ने कहा कि स्वयं रोज़गार व उद्यमिता विकास आज समय की मांग है। डा. संजय ने कहा कि स्वयं रोज़गार से महिलाएं अपनी आय कई गुना बढ़ा सकती है व अपने परिवार की आर्थिकी सुधार सकती हैं। डा. संजय कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय इलाकों में बिच्छू घास में पाये जाने वाले तत्वों से रक्त कोशिकाएं बढ़ाई जा सकती हैं जिस पर शोध कार्य चल रहे हैं व यहां पाये जाने वाले मडुए की खेती करके इससे नए उत्पाद व खाद्य पदार्थ तैयार किय जा सकते हैं। डा. कुमार ने स्वरोज़गार के जरिए उत्पादित उत्पाद के संदर्भ उत्पादों की गुण्वत्ता, व्यवसायीकरण व मार्केटिंग पर बल दिया। डा. कुमार ने कहा कि पर्वतीय कृषि उत्पादों के क्षेत्र में उत्तराखण्ड अग्रिम राज्यों की श्रेणी में है।

इसके उपरांत महिला उद्यमिता श्रीमती किरन जोशी ने बताया कि किस प्रकार उन्होनें महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा गुणवत्ता युक्त उत्पाद के सही विपणन के द्वारा 8 लाख रूपया का टर्नओवर अर्जित किया है। श्रीमती किरन ने एमएसएमई व स्वरोज़गार हेतु बिना ब्याज के बैंक से लोन लेने व कोआपरेटिव बैकों के योगदान पर प्रकाश डाला। श्रीमती किरन ने कहा कि थोड़ी सी सूझबूझ व सही मार्केटिंग से महिलाएं आपने अपनी आय बढ़ा सकते हैं इसके उपरांत पंतनगर विवि एग्रीबिज़नेस मैनेजमेंट महाविद्यालय की प्राध्यापिका डा. स्नेहा दोहरे ने कहा कि उद्यमी बनने के लिए व्यक्ति को झिझक छोड़नी चाहिए व उद्यमिता में सफल बनने के लिए हर तरफ से समयवत ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। आज के समय में कोई भी उद्यमी ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए काफी संख्या में आय बढ़ा सकता है। डा. दोहरे ने कहा कि भारत सरकार एमएसएमई व उद्यमियों के लिए लोन हेतु एवं अन्य प्रकार कई स्कीम निकाली हुई हैं। जिससे कई उद्यमी अपना स्वयं का स्टार्ट अप शुरू कर सकते हैं। डा. दोहरे ने व्यख्यान में कहा कि उद्यमिता विकास के लिए उचित समय, न्यूनतम् साधन व राशि एवं गुण्वत्ता युक्त उत्पाद उत्पादित करने के साथ आकर्षक पैकेजिंग व मार्केटिंग करना चाहिए।

इको विद मी संस्था के संस्थापक व सह संस्थापक श्रीमती ज्योति रानी व श्री सुनील शर्मा ने पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमिता व स्वरोज़गार के विषयों के विषय पर प्रकाश डाला व कहा कि किस प्रकार उनकी फर्म ने थोड़ी सी धनराशि से प्लास्टिक के स्थान पर बांस के पेड़ व कुदरत के तत्वों से दांत माजनें के ब्रश, पेन एवं इकोफ्रेन्डली उत्पाद तैयार कर अपनी आय बढ़ाई है। उपरोक्त कार्यक्रम में लगभग 100 महिलाओं ने प्रतिभाग किया । कार्यक्रम का संचालन परिषद् की वैज्ञानिक डा. कंचन कार्की ने किया व धन्यवाद प्रस्ताव पटवाडांगर संस्थान के प्रभारी डा. सुमित पुरोहित ने दिया

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